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ख्वाब में भी तेरे हम ही आएंगे
ये सोच के दिल को बहलाने में क्या बुराई है!
जहाँ भर की नज़रों से बचते बचाते-
नज़रें मिलाने में क्या बुराई है!
इश्क में हज़ारों फ़ना हुए हैं
और होते रहेंगे पता है हमें,
अना आपकी जो सलामत रहे-
तो खं
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