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हे द्रौपदी तू खुद काली बन जा...

WannaBeWriterkWannaBeWriterk March 9, 2023
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यहां हर एक घर में बैठा है पांडव
तेरी इज्जत पे दांव लगाने को.... 

और हर इक मोड़ पे खड़ा है कोई दुर्योधन
तेरी मर्यादा पे हँठ उठाने को .... 

देख रहा है सब धृतराष्ट्र के जैसा
 अंधा ये कानून हमारा... 

और हुए बिवस हैं भीष्म के जैसे
इस समाज में रहने वाले...

 कुछ हैं हम जैसे करन भी इनमें... 
जो देख रहे बास चुप बैठे,
होता ये अपमान तुम्हारा... 

तो हे द्रौपदी तू खुद काली बन जा...
अब अपनी लाज बचाने को...

 इस कलयुग में अब.., 
कोई कृष्ण नहीं हैं आने वाले, 
यहां तेरी लाज बचने को

तो हे द्रौपदी तू खुद काली बन जा...
अब अपनी लाज बचाने को...

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