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"मध्यम वर्ग की लड़कियाँ"

Hina AgravalHina Agraval February 26, 2023
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मध्यम वर्ग की लड़कियाँ,

सिर्फ़लड़कियाँ नहीं हो पाती,

उनको पहले होना पड़ता है,

बहनबेटी और कभी-कभी माँ भी,

उनके हिस्से में नहीं आते सुंदर फ़ुल भरेआरामदेह रास्तें,

उनको अपने और अपनों के हिस्से के काँटे खाने पड़ते हैं,

उन्हें बने बनाये महल नहीं मिल जाते,

इन्हें सारे पहाड़ ख़ुद तोड़ने पड़ते हैंसारे दरियाँ को ख़ुद पार करना पड़ता है,

उनके सपनों मेंसफ़ेद घोड़ा और राजकुमार नहीं आते,

उनके सपनेंउनके जागने की वजह बन जातें हैं,

इन्हें दहेज में दौलत या मिल्कियत नहीं मिलती,

उम्मीदेंआशाएँ और जवाबदेही मिलती है,

इन्होंने बचपन में अप्सराओं की कथाएँ नहीं सुनी होती,

अपितु अपनी माँ के संघर्ष की निशानियाँ देखी होती हैं,

अपने आत्मविश्वास और अदम्य साहस से,

जीवन की सारी परीक्षाओं के सामने ये चट्टान सी खड़ी रहती हैं,

सारीनिराशाएँहार और मुश्किलों को पार कर,

ये मेहनत के आकाश पर सूरज सी चमकती हैं,

और सब अंधेरों और आँधियों को ध्वस्त कर,

येजीत लाती हैं अपने हिस्से का प्रकाश,

अपने त्यागकर्तव्यनिष्ठा और दृढ़ता से,

ये भेद लेती है सारे लक्ष्यों को जैसे अर्जुन ने भेदी थी मछली की आँख,

ये छली जाती हैतजी जाती हैतोड़ी जाती है,

पर पराजित नहीं हो पाती,

माँ की हिम्मत और पिता का गौरव बनी रहने वाली ये,

अंत मेंअसीम प्रेम और आस्था का स्रोत हो जाती हैं,

उन मध्यम वर्गीय लड़कियों के लिए,

जो कुछ बनना चाहती हैं,

कुछ जितना चाहती हैं,

जिनके डर नहीं,

होसलें बड़े हैं,

जिनके घर नहीं,

सपने बड़े है…!!!



-हिना अग्रवाल


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