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वो हर चीज़ ,
जो खोई जा सकती है,
मैंने खोई है,
मोहब्बत,
उल्फ़त,
हिक़ारत,
हसरत,
सोहबत,
लियाक़त,
चाहत,
सब कुछ,
सब कुछ, खोया है,
अब, खोने से,
ख़ौफ़ नहीं आता,
अब ख़ौफ़ आता है,
पा लेने से,
अब, ख़ुलूस-ए-दिल से ख़ौफ़ आता है,
अब, दिल लगने से ख़ौफ़ आता है,
अब, दिल टूटने से ख़ौफ़ आता है,
जो कमाया था, गवा दिया,
जो गवा दिया, उसे भुलाने को ख़ौफ़ आता है,
इश्क़ की बात भी करे कोई, तो ख़ौफ़ आता है,
इश्क़ के बिना की हर बात में भी, ख़ौफ़ आता है,
रंग,
रात,
रोशनदान से ख़ौफ़ आता है,
फिर ख़ौफ़ से सटे सटे
एक ख़याल भी आता है,
ख़्याल,
हिम्मत का,
उम्मीद का,
मोहब्बत का,
तुम्हारा,
हमारा,
और फिर सब ख़ौफ़ चले जाते हैं…!!!
-हिना अग्रवाल
हिक़ारत- उपेक्षा
सोहबत- मित्रता
लियाक़त- योग्यता
ख़ुलूस-ए-दिल - ह्रदय की पवित्रता
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