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रघुकुल में पैदा हुए, जग के पालनहार।
कौशल्या हर्षित हुई, धन्य हुआ संसार।।
कण-कण में जो हैं बसे, पावन जिनका नाम।
पीड़ा हरने आ गए, सबके दाता राम।।
राम जन्म की धूम है, चहूँ ओर उल्लास।
राम दया अनुराग हैं, राम भक्ति विश्वास।।
उर में सीता है बसी, अनुज- भक्त से प्यार।
जाति-वर्ग से हैं परे, प्रभु करते उद्धार।।
बनते बिगड़े काम सब, निर्बल के बल राम।
राम नाम सबसे बड़ा, राम चरण सुख धाम।।
■ हिमकर श्याम
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