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कितने सावन हैं बीते
हर सावन में तू है याद आया
बारिश की एक एक बूँद में
सिर्फ तेरा प्यार है समाया
कितने रंगों में रहा तेरा प्यार
हर एक में तेरा दीदार हो आया
दिल में जब जब याद तेरी आती
तू बादल बन बरसता बार बार
भीग जाता है मेरा मन
तेरे साथ हुई मुलाकातों में
खो जाता है उन टूटे हुए वादों में
जो किये थे उस सावन में तूने
खो जाती हूँ मैं तेरी यादों में
और याद करती हूँ तुझे सावन भादों में
अब न जाने कहाँ वो प्यार गया
वो न आया सावन लौट के अबकी बार।
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