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ये जिंदगी है कुछ यूँ....❣️
ये जिंदगी है कुछ यूँ कुछ इस तरह इसमे चलना पड़ता है,
जब जब गिराए कोई उठकर तब तब सम्भलना पड़ता है,
बिखेरने को खड़ा है ज़माना तोड़ने को हैं सभी,
टूटकर फिर से जो चमके उस हीरे सा निखरना पड़ता है,
ये जिंदगी है कुछ यूँ कुछ इस तरह इसमे चलना पड़ता है.
लहरों से ना तू डर अब ग़र समंदर में है तू उतर गया,
लहरों को चीर कर ही तो नौका को आगे निकलना पड़ता है,
मुश्किलों से ना तू डर ना हार मान उनसे कभी,
मुश्किलें हैं सीढियों सी पाने को मंजिल कई सीढ़ियां चढ़ना पड़ता है,
ये जिंदगी है कुछ यूँ कुछ इस तरह इसमे चलना पड़ता है.
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