Share0 Bookmarks 30253 Reads0 Likes
इन संघर्षो के दिनों में तुम बहुत याद आये,
संगीत में जैसे मधुर धुन राग के बाद आये।
बहती है जब विश्व में अपार आनंद की गंगा,
तो फिर क्यों मेरे नसीब में ही विषाद आये।
कैसे ना सताये वेदना उस खुशहाल घर को,
ब
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments