
❣️मैं मेरी चाय और तुम❣️
मेरे सर दर्द को दूर करती है जो,
सुनो तुम मुझे चाय सी लगती हो.
जिसको सोचूँ मैं शाम सहर जिससे मैं मुकम्मल होता हूँ,
ख्वाबों में जिसके रहता और आलिंगन करके सोता हूँ,
उस चाय सी तुम मुझे लगती हो...
सुबह को आंखे खुलते ही जो सामने मेरे होती है,
मुझको बाहों में भरके मेरे लबों को जो भिगोती है,
उस चाय सी तुम मुझे लगती हो...
तन्हाई में भी जो अक्सर मेरे हाथ को थामे रहती ही,
जो सुबह से लेकर शाम तलक साँसों में मेरी बहती है,
उस चाय सी तुम मुझे लगती हो...
कोई खुश खबरी या ग़म सबसे पहले जिसको सुनाता हूँ,
तन्हाई में सबसे पहले मैं जिसके पास में आता हूँ,
उस चाय सी तुम मुझे लगती हो...
बीमारी में जो सुकून दे उस मरहम सी तुम लगती हो,
बेरंग से मेरे जीवन में सतरंगी सेज सी लगती हो,
मीठी मीठी... प्यारी प्यारी... उस चाय सी तुम मुझे लगती हो...❣️
@Anubhav_Mishra ❣️✍️
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