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तुम्हारा किरदार लिखने वाले को पता रहा होगा-
जिस प्रकार ज़रूरी होती है नुक्ता ज़रूरी में,
उसी प्रकार तुम्हारे चेहरे के उस तिल के मायने
पता होंगे उसे।
तभी तुम्हारा किरदार गढ़ते हुए
उसने लिखा तिल को होंठों के पास।
जो बचाता तुम्हारी निश्छल मुस्कान को
हर बुरी नज़र से।
~ हर्षित मिश्र
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