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सच बोलूं!? सुन पाओगे क्या?
हां है मन खफा, आ कर मनाओगे क्या?
नही है कुछ भी कबुल-ए-मन,
जो ख़्वाब दिखाया था पूरा कर पाओगे क्या?
हा हूं मैं पागल ही पर, मेरी जगह खुद को देख पाओगे क्या?
मेरी
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