फिर एक नया सवेरा होगा
दिनकर पुनः यथार्थ चमकेगा
उम्मीदों और उमंगो के फूल फिर खिलेंगे
सुकून भरे आशियानों में
हंसते हुए चेहरे फिर से मिलेंगे ..
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