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ग़ज़ल पढ़ते वक्त देश के वर्तमान हालातों को ध्यान में रखे, एक एक शेर आवाम के दिल की आवाज मालूम होगा धन्यवाद।
किसी को हासिल करने की चाहत मोहब्बत कैसे
मोहब्बत करनी है तो फिर हीर-ओ-रांझा से सीखो। (1)
अपनों के दरमियां इतनी दीवारें ऐ शहर
तहजीबें सीखनी है तो फिर गांवों से सीखो। (2)
मंदिर-मस्जिद के नाम पर तलवार उठाने वालों
सर झुका रह जाए जो किताबों से सीखो। (3)
उसे उम्मीद थी कि उसकी बस्ती इंसाफ पाएगी
दिखावटी बहस तो संसद वालों से सीखो। (4)
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