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मेरी लेखनी मेरी कविता
यह दुनिया रंग बदलती है
(कविता)
यह दुनिया रंग बदलती है
कभी लाल रंग के जोड़े में
निसकंटक प्रेम दिखाती है
फिर उसी रंग की खातिर वो
खंजर से खून बहाती है ।।
कातर जीवन की चालाकी
सबको हर पल भरमाती है
अपने हों निपट पराए हों
यह सब को खेल खिलाती है
यह दुनिया रंग बदलती है ।।
यह दुनिया रंग बदलती है
(कविता)
यह दुनिया रंग बदलती है
कभी लाल रंग के जोड़े में
निसकंटक प्रेम दिखाती है
फिर उसी रंग की खातिर वो
खंजर से खून बहाती है ।।
कातर जीवन की चालाकी
सबको हर पल भरमाती है
अपने हों निपट पराए हों
यह सब को खेल खिलाती है
यह दुनिया रंग बदलती है ।।
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