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त्याग कर आलस को अपने कर्म कर (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश March 22, 2022
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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
 त्याग कर आलस को अपने कर्म कर
 संघर्ष कर संघर्ष कर (कविता)

त्याग कर आलस को अपने
कर्म कर
संघर्ष कर ,संघर्ष कर ।

समय की रेत पर
कदम बढ़ा ।
न विलंब कर
 संघर्ष कर संघर्ष कर ।

आंँधियों से पार पाने की
तमन्ना पाल ले,
 पर तेरा संघर्ष का
यह जान ले।
 काज जितने भी पडे
 अविलंब क

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