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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
"तुम कुछ ऐसा करो जगत में हस्ती जाए जानी"
(कविता) प्रेरणा विशेषांक
देनी होगी तुमको अपने
आलस की कुर्बानी।
तुम कुछ ऐसा करो जगत में
हस्ती जाए जानी।।
स्टीफन हॉकिंग को देखो
विकृृृत काया पाई ।
फिर भी उसको मिली सफलता
नियति रोक न पाई।।
ऐसा ज्ञान प्रकाश करो तुम
लिख दो नई कहानी।
तुम कुछ ऐसा करो जगत में
हस्ती जाए जानी ।।
मकसद अपना पाने वालों
की तस्वीर बना लो।
सागर रुपी ज्ञानपुँज को
दुनियाँ में फैला दो ।
भारत ज्ञान ,मान की भूमि
सब दुनियाँ ने मानी।
तुम कुछ ऐसा करो जगत में
हस्ती जाए जानी।।
हरिशंकर सिंह सारांश
"तुम कुछ ऐसा करो जगत में हस्ती जाए जानी"
(कविता) प्रेरणा विशेषांक
देनी होगी तुमको अपने
आलस की कुर्बानी।
तुम कुछ ऐसा करो जगत में
हस्ती जाए जानी।।
स्टीफन हॉकिंग को देखो
विकृृृत काया पाई ।
फिर भी उसको मिली सफलता
नियति रोक न पाई।।
ऐसा ज्ञान प्रकाश करो तुम
लिख दो नई कहानी।
तुम कुछ ऐसा करो जगत में
हस्ती जाए जानी ।।
मकसद अपना पाने वालों
की तस्वीर बना लो।
सागर रुपी ज्ञानपुँज को
दुनियाँ में फैला दो ।
भारत ज्ञान ,मान की भूमि
सब दुनियाँ ने मानी।
तुम कुछ ऐसा करो जगत में
हस्ती जाए जानी।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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