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मेरी लेखनी, मेरी कविता
तू सपनों की मेरी सदा बन गई है
(कविता)
तू सपनों की मेरे
सदा बन गई है।
तू जीवन में मेरे
दुआ बन गई है ।।
तू खिलता कमल
बहारों की रानी ।
तू जीवन का ऐसा शमाँ
बन गई है ।।
तू सपनों में मेरे सदा
बन गई है ।
जब-जब तू देखे
उनींदी नजर से ,
सागर की लहरें
उठेें मेरे मन से ।
तू अनमोल ऐसी
फिजाँ बन गई है ।
तू सपनों की मेरे
सदा बन गई है।।
तू जीवन में मेरे
दुआ बन गई है ।
हरिशंकर सिंह सारांश
तू सपनों की मेरी सदा बन गई है
(कविता)
तू सपनों की मेरे
सदा बन गई है।
तू जीवन में मेरे
दुआ बन गई है ।।
तू खिलता कमल
बहारों की रानी ।
तू जीवन का ऐसा शमाँ
बन गई है ।।
तू सपनों में मेरे सदा
बन गई है ।
जब-जब तू देखे
उनींदी नजर से ,
सागर की लहरें
उठेें मेरे मन से ।
तू अनमोल ऐसी
फिजाँ बन गई है ।
तू सपनों की मेरे
सदा बन गई है।।
तू जीवन में मेरे
दुआ बन गई है ।
हरिशंकर सिंह सारांश
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