तेरी जुल्फों के साए में's image
Poetry1 min read

तेरी जुल्फों के साए में

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश April 10, 2022
Share0 Bookmarks 0 Reads1 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता 

तेरी जुल्फों के साए में
सिमट जाने को जी चाहे,
तेरे दामन की दुनियाँ में
 लिपट जाने को जी चाहे ।।

तेरे होठों की लाली का 
 तसव्वुर खूब देखा है ,
तेरी सागर  सी आंँखों में
उतर जाने को जी चाहे। 

 तेरी जुल्फों के साए में
 सिमट जाने को जी चाहे ।।

तेरे माँथे की बिंदिया का
नूर कुछ और होता है,

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts