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मेरी लेखनी मेरी कविता
तेरे आने से रोशन चमन हो गए
(कविता )
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए,
बाग के सुप्त तृृन भी
सुमन हो गए ।।
तेरी जुल्फों के जादू
की ऐसी छटा
बाग के सारे जुगनू
भ्रमर हो गए।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए।।
तेरे अधरों की लाली है
सब रसभरी
बाग के सारे फल
रसभरे हो गए ।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए ।।
तेरे नैनों की कालिख है
दिलकश बड़ी
नैन ऐसे झुकाए
कमल हो गए।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए।।
तेरे नैनों में
एैसी खुमारी भरी
इनमें चाहत की
ऐसी रबानी भरी
देखकर मेरे नैना
सजल हो गए।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए ।।
गीत मैंने लिखे
तेरी तारीफ में,
तेरे साए के
वो मुस्तकिल हो गए।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए।।
हरिशंकर सिंह सारांश
तेरे आने से रोशन चमन हो गए
(कविता )
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए,
बाग के सुप्त तृृन भी
सुमन हो गए ।।
तेरी जुल्फों के जादू
की ऐसी छटा
बाग के सारे जुगनू
भ्रमर हो गए।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए।।
तेरे अधरों की लाली है
सब रसभरी
बाग के सारे फल
रसभरे हो गए ।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए ।।
तेरे नैनों की कालिख है
दिलकश बड़ी
नैन ऐसे झुकाए
कमल हो गए।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए।।
तेरे नैनों में
एैसी खुमारी भरी
इनमें चाहत की
ऐसी रबानी भरी
देखकर मेरे नैना
सजल हो गए।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए ।।
गीत मैंने लिखे
तेरी तारीफ में,
तेरे साए के
वो मुस्तकिल हो गए।
तेरे आने से रोशन
चमन हो गए।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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