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मेरी लेखनी मेरी कविता
सत्य पथ (कविता )
सत्य पथ,है अग्नीपथ ,
तू चला चल निष्कपट ।
दौर हो कठिनाइयों का,
दरिया विशाल हो ,
हर स्थिति, परिस्थिति में
दमकता कपाल हो ।।
कुछ न कर सकेगी तेरा
जीवन लपट ,
तू चला चल निष्कपट
सत्य पथ है अग्निपथ ।।
तूने करार जिंदगी में जो किए,
निर्धारित
सत्य पथ (कविता )
सत्य पथ,है अग्नीपथ ,
तू चला चल निष्कपट ।
दौर हो कठिनाइयों का,
दरिया विशाल हो ,
हर स्थिति, परिस्थिति में
दमकता कपाल हो ।।
कुछ न कर सकेगी तेरा
जीवन लपट ,
तू चला चल निष्कपट
सत्य पथ है अग्निपथ ।।
तूने करार जिंदगी में जो किए,
निर्धारित
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