
Share0 Bookmarks 2507 Reads1 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता
सर्व धर्म यह परंपरा है
मत इसको बदनाम करो।
(कविता)
मेरे देश के अच्छे लोगो
बस इतना सा काम करो।
सर्व धर्म यह परंपरा है
ना इसको बदनाम करो।।
पूर्वजों ने हमें सिखाया
मिलजुल कर के रहना।
तुम एक माला के मोती हो
एक साथ है रहना ।।
जो इस माला को तोड़े
तुम उसका दमन कराल करो।
मेरे देश के सच्चे लोगो
बस इतना सा काम करो।।
जीवन एक संघर्ष विकल है
भारत मांँ का नाम शकल है ।
इसका तुम सम्मान करो।
मेरे देश के सच्चे लोगो
बस इतना सा काम करो।।
हरिशंकर सिंह सारांश
सर्व धर्म यह परंपरा है
मत इसको बदनाम करो।
(कविता)
मेरे देश के अच्छे लोगो
बस इतना सा काम करो।
सर्व धर्म यह परंपरा है
ना इसको बदनाम करो।।
पूर्वजों ने हमें सिखाया
मिलजुल कर के रहना।
तुम एक माला के मोती हो
एक साथ है रहना ।।
जो इस माला को तोड़े
तुम उसका दमन कराल करो।
मेरे देश के सच्चे लोगो
बस इतना सा काम करो।।
जीवन एक संघर्ष विकल है
भारत मांँ का नाम शकल है ।
इसका तुम सम्मान करो।
मेरे देश के सच्चे लोगो
बस इतना सा काम करो।।
हरिशंकर सिंह सारांश
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments