संघर्ष ही तो जिंदगी का सार है (कविता)'s image
Poetry2 min read

संघर्ष ही तो जिंदगी का सार है (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश October 14, 2023
Share0 Bookmarks 47791 Reads1 Likes
मेरी लेखनी, मेरी कविता
संघर्ष ही तो जिंदगी का सार है  (कविता)

पुष्प की इच्छा यही
 मैैं बादलों से जा मिलूूँ ।
 जिंदगी की चाह में
मैं स्वर्ग में खिलता रहूँँ।।

 कल्पना के लोक में
 यह पुष्प  विचरण कर रहा।
 अपनी ही गागर  सोच की
 वह लालसा से भर रहा।।

 तिल तिल गुजरता वक्त भी
 उसको दिखाई ना दिया।
 आसान उसकी जिंदगी
संघर्ष ना जिसने किया।।

 संघर्ष ही तो जिंदगी का सार है।
 संघर्ष के बल पर खड़ा संसार है।।

 सोचता हूंँ मैं कभी
 क्या जिंदगी में कर सका।
 अपने ही अभिनव ज्ञान का
संचार ढंग से कर सका।।

 आवाज मन से आ रही
 तू ज्ञान का दीपक जला। 
ज्ञान सब

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts