समंदर का पानी शराब होता (कविता)'s image
Poetry1 min read

समंदर का पानी शराब होता (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश October 8, 2023
Share0 Bookmarks 0 Reads1 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता
समंदर का पानी शराब होता
(कविता)

समंदर का पानी शराब होता
तो सोचो कितना बवाल होता।
हकीकत ख्वाब होते तो
 सोचो कितना सवाब होता।

किसी के दिल में क्या छुपा है
 बस खुदा ही जानता है।
दिल अगर बेनकाब हो तो
 सोचो कितना बवाल होता।।

थी खामोशी हमारी

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts