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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
रास्तों का मीत बन
(गीत)
रास्तों का मीत बन
तू प्रेम गीत गाए जा ।
ये जिंदगी है कौम की
तू कौम पर लुटाए जा।।
आसान हो ये जिंदगी
या मुश्किलों का दौर हो।
तेरी जुबाँ के शब्द पर
ना बेतुकी का जहर हो।।
तू मीठे बोल बोल के
आगे कदम बढ़ाए जा ।।
ये जिंदगी है कौम की
तू कौम पर लुटाए जा
रास्तों का मीत बन
तू प्रेम गीत गाए जा।
ये जिंदगी है कौम की
तू कौम पर लुटाए जा।।
मुश्किलें हजार चाहे
मन में तेरे आश हो।
पुष्प रूपी इस चमन को
सींचने का न्यास हो ।।
बेजाँ पड़ी इस जिंदगी में
ऊर्जा का व्यास हो ।।
सदगति की डोर थाम
प्रेम पुंँज गाए जा ।
ये जिंदगी है कौम की
तू काैम पर लुटाए जा।।
रास्तों का मीत बन
तू प्रेम गीत गाए जा।
ये जिंदगी है कौम की
तू काैम पर लुटाए जा।।
हरिशंकर सिंह सारांश
रास्तों का मीत बन
(गीत)
रास्तों का मीत बन
तू प्रेम गीत गाए जा ।
ये जिंदगी है कौम की
तू कौम पर लुटाए जा।।
आसान हो ये जिंदगी
या मुश्किलों का दौर हो।
तेरी जुबाँ के शब्द पर
ना बेतुकी का जहर हो।।
तू मीठे बोल बोल के
आगे कदम बढ़ाए जा ।।
ये जिंदगी है कौम की
तू कौम पर लुटाए जा
रास्तों का मीत बन
तू प्रेम गीत गाए जा।
ये जिंदगी है कौम की
तू कौम पर लुटाए जा।।
मुश्किलें हजार चाहे
मन में तेरे आश हो।
पुष्प रूपी इस चमन को
सींचने का न्यास हो ।।
बेजाँ पड़ी इस जिंदगी में
ऊर्जा का व्यास हो ।।
सदगति की डोर थाम
प्रेम पुंँज गाए जा ।
ये जिंदगी है कौम की
तू काैम पर लुटाए जा।।
रास्तों का मीत बन
तू प्रेम गीत गाए जा।
ये जिंदगी है कौम की
तू काैम पर लुटाए जा।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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