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मेरी लेखनी मेरी कविता 
प्रियतमा के वास्ते
(कविता)

प्रियतमा के वास्ते
खुलते हैं सारे रास्ते,
जिंदगी की सुबह शाम
 होती है तेरे वास्ते!

तेरी नैनो की सुर्खियां 
मन को बहलाती हैं ,
विचलित हो मन
तो करार लाती हैं ।

तेरा प्यार से बोलना 
धीरे

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