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पिता एक उम्मीद है एक आस है( कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश September 25, 2023
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मेरी लेखनी मेरी कविता 
पिता एक उम्मीद है एक आस है 
(कविता) पिता विशेषांक 

पिता एक उम्मीद है
 एक आश है।
 परिवार की हिम्मत
 और विश्वास है।।

बाहर से सख्त
 अंदर से नरम है।
 उसके दिल में छुपे
 कई मर्म  हैं।।

पिता संघर्ष की आंँधियों में
  हौसलों की

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