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मेरी लेखनी मेरी कविता
नमन उन वीर लोगों को
(कविता) वीरता विशेषांक
नमन उन वीर लोगों को
जो अपनी आन पर।
धरा की शान पर।
मिटकर अमरता पा गए ।।
लुटाया देश की बेदी पै
सब अमृत जीवन का
देश के मान की खातिर
जवानी के पलों को खा गए ।
नमन उन वीर लोगों को ।
धरा की आन पर
मिटकर अमरता पा गए।।
फकत इस देश की खातिर
उन्होंने सबको छोड़ा था
सभी ऐश्वर्य जीवन का
धरा के नाम छोड़ा था ।।
मनुज के मीत बनकर वो
धरा की गोद में
पलकें बिछाकर सो गए ।।
नमन उन वीर लोगों को
धरा की आन पर
मिटकर अमरता पा गए।।
हरिशंकर सिंह सारांश
नमन उन वीर लोगों को
(कविता) वीरता विशेषांक
नमन उन वीर लोगों को
जो अपनी आन पर।
धरा की शान पर।
मिटकर अमरता पा गए ।।
लुटाया देश की बेदी पै
सब अमृत जीवन का
देश के मान की खातिर
जवानी के पलों को खा गए ।
नमन उन वीर लोगों को ।
धरा की आन पर
मिटकर अमरता पा गए।।
फकत इस देश की खातिर
उन्होंने सबको छोड़ा था
सभी ऐश्वर्य जीवन का
धरा के नाम छोड़ा था ।।
मनुज के मीत बनकर वो
धरा की गोद में
पलकें बिछाकर सो गए ।।
नमन उन वीर लोगों को
धरा की आन पर
मिटकर अमरता पा गए।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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