Share0 Bookmarks 50867 Reads1 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता
मेरे मन को लुभाता है
(कविता)प्रकृति विशेषांक
मेरे मन को लुभाता है
सूरज की लाली
रंगों का मिश्रण
मन में समाता है
मेरे मन को लुभाता है।
नीले गगन में
वो चिड़ियों का मेला
वह तिरछ
मेरे मन को लुभाता है
(कविता)प्रकृति विशेषांक
मेरे मन को लुभाता है
सूरज की लाली
रंगों का मिश्रण
मन में समाता है
मेरे मन को लुभाता है।
नीले गगन में
वो चिड़ियों का मेला
वह तिरछ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments