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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
" मत समझना जुदा हो जाओगे"
(कविता) छात्र विदाई विशेषांक
संँचित ज्ञान का
विस्तार कर लो।
स्नेह से गुरुओं के तुम
खाली पड़ी गागर को।
भर लो।।
ज्ञान का मंदिर है यह
इसको कभी ना भूलना।
कभी डांँट ,कभी द
" मत समझना जुदा हो जाओगे"
(कविता) छात्र विदाई विशेषांक
संँचित ज्ञान का
विस्तार कर लो।
स्नेह से गुरुओं के तुम
खाली पड़ी गागर को।
भर लो।।
ज्ञान का मंदिर है यह
इसको कभी ना भूलना।
कभी डांँट ,कभी द
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