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"मांँ तू बड़ी कूल हो गई है" ( कविता )

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश October 11, 2023
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मेरी लेखनी, मेरी कविता
"मांँ तू बड़ी कूल हो गई है" (कविता)
"मांँ में बदलाव" 

चांँद सी सूरत तेरी
 बहुमूल्य हो गई है।
 समय के साथ
 तू बड़ी कूल हो गई है।। 

रखती है सबका खयाल
 देती है सबको दुलार,
 मेरे घर की हर बात
 तेरे अनुकूल हो गई है।
 मांँ तू बड़ी कूल हो गई है।

 शुरुआ

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