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"मैं तेरे वास्ते पलाश बन जाऊंँ" (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश March 6, 2022
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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
" मैं तेरे वास्ते पलाश बन जाऊंँ"
 (कविता)

मैं तेरे वास्ते
पलाश बन जाऊंँ।

 गफलत का झरना
 अनवरत पानी का
 बहाव बन जाऊंँ।।

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