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मेरी लेखनी, मेरी कविता
"अदाएं "
तेरी हर बात नवाबी है ,
अतिरेक नहीं तुझमें पाया
तेरी हर अदा निराली है ।
चलने पर लगती मधुशाला
तेरी हर बात नवाबी है ।
तू चंचल चितवन की स्वामिन
तू है लोगों का मयखाना ,
हर रंग रूप है दीवाना
मर मिटे तेरा हर परवाना ।
तेरे आने से हो जाए
मौसम हर ओर शबाबी है ।
तेरी हर अद
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