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ज्ञान की डोर थाम (कविता )

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश March 16, 2023
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मेरी लेखनी मेरी कविता 
ज्ञान की डोर थाम (कविता )

ज्ञान  की डोर थाम
जीवन को मुकम्मल बना,
भौतिकता की चाह में
क्यों भागता  फिरता भला ।

जिंदगी के सफर में
 ज्ञान तेरा पास हो,
तू जहां पर खड़ा हो
हरगिज़ न काली रात।।

काम आए सभी के 

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