जीने की चमक गायब है (कविता)'s image
Story1 min read

जीने की चमक गायब है (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश August 25, 2023
Share0 Bookmarks 2274 Reads2 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता 
जीने की चमक गायब है 
(कविता) जीवन विशेषांक 

अजीब दौर है
जीने की चमक गायब है।
 चमक दमक है
मगर उजास गायब है ।।

हमारे अपने हमसे
 रूठ कर चले जो गए।
उन्हीं के आंसुओं की
बेरुखी भी गायब है।।
 चमक दमक है
मगर उजास से गायब है

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts