Share0 Bookmarks 45802 Reads1 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता
जीना अभी बाकी है।
(कविता)
ढल रही है उम्र
मगर जीना अभी बाकी है।
हालातों से इम्तिहान है मेरा
जवाब देना अभी बाकी है।।
बढ़ रहा हूंँ डगर पर
मगर पाना अभी बाकी है ।
करने दो लोगों को चर्चा मेरी हार के
कामयाबी का शोर अभी बाकी है ।।
ढल रही है उम्र
मगर जीना अभी बाकी है।।
वक्त को करने दो अपनी मनमानी
हमारा वक्त अभी बाकी है ।
कर रहे हैं सवाल जो मुझ
जीना अभी बाकी है।
(कविता)
ढल रही है उम्र
मगर जीना अभी बाकी है।
हालातों से इम्तिहान है मेरा
जवाब देना अभी बाकी है।।
बढ़ रहा हूंँ डगर पर
मगर पाना अभी बाकी है ।
करने दो लोगों को चर्चा मेरी हार के
कामयाबी का शोर अभी बाकी है ।।
ढल रही है उम्र
मगर जीना अभी बाकी है।।
वक्त को करने दो अपनी मनमानी
हमारा वक्त अभी बाकी है ।
कर रहे हैं सवाल जो मुझ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments