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मेरी लेखनी मेरी कविता 
होली खूब मनाइए (छंद )

होली खूब मनाइए
लेकिन मन में धार 
प्रेम गीत मन में बसें
जीवन का आधार ।।

सच्चे मन से खेलिये
होली बारंबार।
मन में अपने धारिये
मन से करो विचार ।।
प्रेम प्रीत आधार है
 होली का त्यौहार ।।

हैप्पी होली टू ऑल 

हरिशंकर सिंह सारांश 

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