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मेरी लेखनी मेरी कविता
हर हाल में खुश रहो
( कविता)
छोटी सी जिंदगी है
हर हाल में खुश रहो ।
जो चेहरा पास ना हो
उसकी आवाज में खुश रहो ।।
कोई रुठा हो आप से
उसके अंदाज में खुश रहो।।
जो लौट के नहीं आने वाले
उनकी याद में खुश रहो ।।
कल किसने देखा है
अपने आप में खुश रहो।।
हरिशंकर सिंह सारांश
हर हाल में खुश रहो
( कविता)
छोटी सी जिंदगी है
हर हाल में खुश रहो ।
जो चेहरा पास ना हो
उसकी आवाज में खुश रहो ।।
कोई रुठा हो आप से
उसके अंदाज में खुश रहो।।
जो लौट के नहीं आने वाले
उनकी याद में खुश रहो ।।
कल किसने देखा है
अपने आप में खुश रहो।।
हरिशंकर सिंह सारांश
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