दूर निकलना छोड़ दिया (कविता)'s image
Poetry1 min read

दूर निकलना छोड़ दिया (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश April 8, 2023
Share0 Bookmarks 48539 Reads1 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता 
दूर निकलना छोड़ दिया 
(कविता)

जीवन की इस बेताबी में
 मैंने दूर निकलना छोड़ दिया।।
  पर ऐसा नहीं है कि
 मैंने चलना छोड़ दिया।।

 फासले रिश्तो में
 दूरियां बढ़ा देते हैं
 पर ऐसा नहीं है कि
 अब मैंने अपनों से
 मिलना छोड़ दिया।।
मैंने दूर निकलना छोड़ दिया।।
&nb

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts