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देखी हैं सारी सोखियाँ उनके शबाब में ।

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश October 18, 2023
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मेरी लेखनी मेरी कविता 

देखी है सारी शोखियांँ
 उनके शवाब में ।।
सारे जवाब मिल गए
उस लाजवाब में ।।

देखे चमन में फूल
अलग-अलग रंग के।
सब आके जैसे मिल गए
इक गुलाब में ।।

कुदरत खुदा की देखिए
 क्या-क्य

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