1 Bookmarks 37814 Reads1 Likes
चंँचल जी पवन
सर सर करती,
संदेश नया फैलाती ।
निज पथ
पर तू चलता जा बस,
हर मानव को सिखलाती ।
चंँचल सी पवन
सर सर करती ,
संदेश नया फैलाती।
हर दिवस नया नूतन तेरा
तू आगे बढ
सर सर करती,
संदेश नया फैलाती ।
निज पथ
पर तू चलता जा बस,
हर मानव को सिखलाती ।
चंँचल सी पवन
सर सर करती ,
संदेश नया फैलाती।
हर दिवस नया नूतन तेरा
तू आगे बढ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments