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मेरी लेखनी मेरी कविता
बैठ मत तू हार कर
(कविता) आशावादी विचार
मंजिलों को पार कर
जिंदगी से प्यार कर
बैैठ मत तू हार कर ।।
है जरूर टूटा अंदर से
निकल निराशा के मंजर से
मेहनत को गुना चार कर
बैठ मत
बैठ मत तू हार कर
(कविता) आशावादी विचार
मंजिलों को पार कर
जिंदगी से प्यार कर
बैैठ मत तू हार कर ।।
है जरूर टूटा अंदर से
निकल निराशा के मंजर से
मेहनत को गुना चार कर
बैठ मत
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