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बहुत उड़ान बाकी है (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश September 11, 2023
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मेरी लेखनी मेरी कविता 
बहुत उड़ान बाकी है
 (कविता)

परिंदे रुक मत
तुझमें अभी जान बाकी है ।
मंजिल दूर है
 बहुत उड़ान बाकी है।

यूंँ ही नहीं मिलती
रब की मेहरबानी ,
एक से बढ़कर ए

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