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मेरी लेखनी मेरी कविता
औकात से ज्यादा नहीं करता
( कविता)
जिसे निभा ना सकूँ
ऐसा वादा नहीं करता
औकात से ज्यादा नहीं करता।।
औकात से ज्यादा नहीं करता
( कविता)
जिसे निभा ना सकूँ
ऐसा वादा नहीं करता
औकात से ज्यादा नहीं करता।।
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