आत्म  मिलन के पल (कविता)'s image
Poetry1 min read

आत्म मिलन के पल (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश October 24, 2022
Share0 Bookmarks 32683 Reads1 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता
 आत्म मिलन के पल
(कविता )

दिवाली का त्यौहार
 हर दिल को भाता 
दिवाली को हर जन
मिलकर मनाता ।।

यह खुशियों की बेला 
यह दीपों का मेला,
यह मिलने मिलाने 
मनाने की

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts