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मेरी लेखनी मेरी कविता
आत्म मिलन के पल
(कविता )
दिवाली का त्यौहार
हर दिल को भाता
दिवाली को हर जन
मिलकर मनाता ।।
यह खुशियों की बेला
यह दीपों का मेला,
यह मिलने मिलाने
मनाने की
आत्म मिलन के पल
(कविता )
दिवाली का त्यौहार
हर दिल को भाता
दिवाली को हर जन
मिलकर मनाता ।।
यह खुशियों की बेला
यह दीपों का मेला,
यह मिलने मिलाने
मनाने की
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