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आरजू की किताब लिए फिरता हूंँ (कविता)

हरिशंकर सिंह सारांशहरिशंकर सिंह सारांश October 6, 2023
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मेरी लेखनी मेरी कविता 
आरजू की किताब लिए फिरता हूंँ
( कविता)

जाने क्यों शिकस्त का
 अज़ाब लिए फिरता हूंँ,  
मैं क्या हूंँ
 और क्या लिए फिरता हूंँ।

उसने एक बार किया था
सवाल ए मोहब्बत,
मैं  हर एक लम्हा ,
वफा का लिए फिरता हूंँ।।

उसने पूछा
कब से नह

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