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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
"अंँधेरा कहीं रह न जाए चमन में"
( कविता )
उदासी न हो तेरे मन में,
अंँधेरा न छाए चमन में।
निगाहें सदाँ ही
तेरी ताकती हों
अविरल सी आंखों से
नीले गगन में ,
अंँधेरा कहीं रह न
जाए चमन में ।।
अविराम जीवन की
नैया क
"अंँधेरा कहीं रह न जाए चमन में"
( कविता )
उदासी न हो तेरे मन में,
अंँधेरा न छाए चमन में।
निगाहें सदाँ ही
तेरी ताकती हों
अविरल सी आंखों से
नीले गगन में ,
अंँधेरा कहीं रह न
जाए चमन में ।।
अविराम जीवन की
नैया क
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