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मेरी लेखनी ,मेरी कविता
"अजीब दौर है" (कविता)
अजीब दौर है।
जीने की धमक गायब है।
चमक दमक है,
मगर उजास गायब है।।
रंँगो का मेला है ,
दीवानों की टोली है
इत्र है ,चंदन है, रोली है
मगर चाह गायब है ।
चमक द
"अजीब दौर है" (कविता)
अजीब दौर है।
जीने की धमक गायब है।
चमक दमक है,
मगर उजास गायब है।।
रंँगो का मेला है ,
दीवानों की टोली है
इत्र है ,चंदन है, रोली है
मगर चाह गायब है ।
चमक द
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