अब कोई किसी से बात नहीं करता (कविता )'s image
Poetry1 min read

अब कोई किसी से बात नहीं करता (कविता )

हरिशंकर सिंह 'सारांश 'हरिशंकर सिंह 'सारांश ' March 27, 2023
Share0 Bookmarks 64 Reads1 Likes
मेरी लेखनी मेरी कविता 
अब कोई किसी से बात नहीं करता
(कविता)

दीवारों पर अब टेढ़ी  लाइने नहीं दिखती  
पुराने खेलो को खेलने का रिवाज नहीं 
मोबाइल ने छीना  है बचपन 
क्या खोया है उसका हिसाब नहीं?

गली नुक्कड़ पर बच्चों की लाइने नहीं दिखती 
खेलते खेलते रूठ जाने की बातें नहीं दिखती ।
लगे रहते हैं करीने से ,चलाते हैं मोबाइल 
बिना मोबाइल के इन्हें  दुनिया नहीं दिखती।

भ्रम जाल है ऐसा मोबाइल,
यह हर मन को भरमाता  है,
खट्टी मीठी बातों को अब 
मोबाइल सिखलाता है।।

हरिशंकर सिंह सारांश  

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts