आज़ गुज़र रहा है's image
Poetry1 min read

आज़ गुज़र रहा है

HarishHarish March 24, 2023
Share0 Bookmarks 48533 Reads1 Likes

ज़िंदगी की इस पटरी पर,

वक्त रेल सा गुज़र रहा है...




मैं ख्वाहिशें लिए वही खड़ा हूं, 

फ़िर इक आज़ गुज़र रहा है...




हैरान हूं पतझड़ के इस दौर से,

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts