पथिक's image
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मुश्किलें हजार है,
इस जिंदगी की राह में,

हर कोई निराश है,
बस ख़ुशमती की चाह में,

खामोशियाँ सिमट रही,
बस रिश्तों की खटास में,

ज़ख्म भी हजार है,
जो सब लाइलाज है,

ये कौन है,
जो दौड़ता फिर रहा,
सुकून की तलाश में,

सुकून की फिराक में,
जो तप रहा है धूप में,

है उम्र सा ये कट रहा,
बस जिंदगी की दौड़ में,

सुकून तो मिला नहीं,
बस मर रहा है भूख में,

ये कौन है,
जो दौड़ता फिर रहा,
सुकून की तलाश में,

मुश्किलें हजार है,
इस जिंदगी की राह में,

तू है पथिक, तू बन हठी,
तू जिंदगी की मौज ले,
इस जिंदगी की राह में,

तू रौशन एक मशाल बन,
तू जीत की मिशाल बन..!
तू जीत की मिशाल बन..!!
तू जीत की मिशाल बन..!!!

स्वरचित - हरीश विद्रोही




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